
How to Wash Kids’ Raincoat: बारिश के मौसम में भीगने से बचने के लिए रेनकोट का इस्तेमाल करना बहुत आम बात है। बच्चों को बारिश में खेलने और स्कूल जाने के दौरान भीगने से बचाने के लिए माता-पिता उन्हें रेनकोट पहनाते हैं। बच्चों के लिए यह मौसम मस्ती भरा तो होता है, लेकिन बारिश के पानी और गंदगी की वजह से बीमार होने का खतरा भी बढ़ जाता है। खासतौर पर छोटे बच्चे और बुजुर्ग इस मौसम में जल्दी बीमार पड़ सकते हैं।
ऐसे में बच्चों के रेनकोट को साफ रखना बेहद जरूरी होता है। अगर रेनकोट को लंबे समय तक बिना धोए रखा जाए तो उसमें बैक्टीरिया, फंगस और गंदगी जमा हो सकती है, जो बच्चों की सेहत के लिए खतरनाक हो सकती है। इसलिए रेनकोट को समय-समय पर धोना और सुखाना बहुत जरूरी है।
कितनी बार धोना चाहिए बच्चों का रेनकोट?
हर बार पहनने के बाद रेनकोट धोना जरूरी नहीं है। अगर रेनकोट सिर्फ हल्की बारिश में इस्तेमाल हुआ है और ज्यादा गंदा नहीं हुआ है, तो उसे हर 3-4 दिन में एक बार धोना काफी होता है। लेकिन अगर रेनकोट पर मिट्टी, कीचड़ या ज्यादा गंदगी लग गई हो, तो उसे उसी दिन साफ कर देना चाहिए। इससे रेनकोट में बैक्टीरिया पनपने का खतरा कम हो जाता है और बच्चे भी सुरक्षित रहते हैं।
रेनकोट धोने और सुखाने का सही तरीका
रेनकोट को धोते समय हल्के गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें और उसमें माइल्ड डिटर्जेंट डालकर धीरे-धीरे रगड़ें। बहुत ज्यादा गर्म पानी का इस्तेमाल न करें, क्योंकि इससे रेनकोट की क्वालिटी खराब हो सकती है। रेनकोट को धोने के बाद उसे उल्टा करके छांव में सुखाना चाहिए। इससे उसका रंग और चमक बनी रहती है।
अगर रेनकोट में फंगस या कीड़े दिखें, तो उसे अच्छी तरह से धूप में भी सुखा सकते हैं, ताकि सारे कीटाणु खत्म हो जाएं।
क्यों जरूरी है रेनकोट को साफ रखना?
मानसून में वातावरण में नमी ज्यादा होती है, जिससे बैक्टीरिया और वायरस तेजी से पनपते हैं। गंदा रेनकोट बच्चे की त्वचा पर एलर्जी, खुजली या संक्रमण का कारण बन सकता है। साफ रेनकोट न सिर्फ बच्चों को बारिश से बचाता है, बल्कि उन्हें बीमारियों से भी सुरक्षित रखता है। इसलिए इसका साफ-सुथरा रहना बहुत जरूरी है।