
CM Yogi : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री cने शनिवार को लखनऊ में आयोजित राज्य कर विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि “राजस्व केवल एक आंकड़ा नहीं है, बल्कि यह प्रदेश के विकास की नींव है।” उन्होंने यह भी दोहराया कि टैक्स चोरी को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, क्योंकि यह राष्ट्रहित और जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए एक बड़ा अवरोध है मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिया कि जो व्यापारी या संस्थाएं सरकारी सुविधाओं का अनुचित लाभ उठा रही हैं, उन्हें चिन्हित किया जाए और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
उन्होंने फर्जी कंपनियों और शेल फर्मों पर सख्त नजर रखने की बात कहते हुए यह भी कहा कि ऐसी इकाइयों से ईमानदार करदाताओं के अधिकारों का हनन होता है, जो किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है। सीएम योगी ने खास तौर पर यह निर्देश दिया कि हाल ही में पंजीकृत कंपनियों का फिजिकल वेरिफिकेशन आवश्यक है, ताकि सिस्टम का दुरुपयोग रोका जा सके। अधिकारियों की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल और मई 2025 में जीएसटी व वैट से कुल 18,161.59 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह हुआ है। यह 2025–26 के लिए निर्धारित 1.75 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य की दिशा में एक उत्साहजनक शुरुआत मानी जा रही है। मुख्यमंत्री ने इस प्रगति की सराहना करते हुए अधिकारियों को लक्ष्य प्राप्ति के लिए कार्य में और तेजी लाने का निर्देश दिया।
प्रदर्शन में कौन आगे और कौन पीछे?
मुख्यमंत्री ने लखनऊ के दोनों ज़ोन, अयोध्या, बरेली, आगरा, गाज़ियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, मेरठ, झांसी और सहारनपुर जैसे ज़िलों की सराहना की, जिन्होंने 60% से अधिक टैक्स कलेक्शन किया। वहीं वाराणसी-1, प्रयागराज, कानपुर-2, इटावा, अलीगढ़ और मुरादाबाद की कमजोर परफॉर्मेंस पर नाराज़गी जताई, जिनका प्रदर्शन 50% से भी नीचे रहा।
क्या है आगे की रणनीति ?
सीएम योगी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि जिन ज़िलों में टैक्स संग्रह अपेक्षा से कम रहा है, वहां विशेष रिपोर्ट तैयार कर सरकार को प्रस्तुत की जाए। इसके साथ ही फील्ड स्तर पर विश्लेषण करने के लिए विशेषज्ञों की मदद ली जाए। उन्होंने यह भी कहा कि अतिरिक्त आयुक्त, संयुक्त आयुक्त और डिप्टी कमिश्नर व्यापारी समुदाय से सीधे संवाद करें, ताकि कर अनुपालन को बढ़ावा मिल सके।
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मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि टैक्स वसूली की प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए, टेक्नोलॉजी का भरपूर उपयोग किया जाए और ईमानदार करदाताओं को पूरी सुरक्षा दी जाए। उन्होंने कहा कि जब व्यापारी और अधिकारी मिलकर ज़िम्मेदारी निभाएंगे, तभी प्रदेश में समावेशी विकास संभव हो सकेगा।