
<p style="text-align: justify;">’कांटा लगा’ गर्ल शेफाली जरीवाला के अचानक निधन से हर कोई हैरान है. मुंबई पुलिस लगातार इस मामले की जांच कर रही है. इस दौरान शेफाली के घर से पुलिस को एंटी एजिंग इंजेक्शन, स्किन ग्लो टैबलेट्स, विटामिन इंजेक्शन और एसिडिटी की दवाएं मिली हैं. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या उम्र घटाने और स्किन ग्लो करने वाली दवाएं मौत को दावत देती हैं? डॉक्टर के हवाले से जानते हैं कि क्या है हकीकत?</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>कैसे हुई शेफाली जरीवाला की मौत?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">साल 2002 के दौरान रिलीज हुए म्यूजिक वीडियो कांटा लगा से पूरी दुनिया में धूम मचाने वाली शेफाली जरीवाला का निधन 27 जून की रात हो गया. वह महज 42 साल की थीं. शुरुआती रिपोर्ट्स में उनकी मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट बताई गई. हालांकि, पोस्टमॉर्टम और फोरेंसिक जांच की फाइनल रिपोर्ट अब तक सामने नहीं आई है. पुलिस को जांच के दौरान शेफाली के घर से कई दवाएं और इंजेक्शन मिले हैं, जिनमें एंटी-एजिंग दवाएं भी शामिल हैं. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>क्या होती हैं एंटी-एजिंग दवाएं?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">एंटी-एजिंग दवाओं और ट्रीटमेंट का इस्तेमाल उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करना, स्किन की बनावट में सुधार करना, झुर्रियों को कम करना और स्किन को चमकदार बनाना होता है. इनमें ग्लूटाथियोन, विटामिन सी, रेटिनॉल, पेप्टाइड्स और हार्मोनल थेरेपी जैसे ट्रीटमेंट शामिल हैं. ग्लूटाथियोन बेहद ताकतवर एंटीऑक्सीडेंट है, जो स्किन को गोरा करने, काले धब्बों को कम करने और डिटॉक्सिफिकेशन के लिए जाना जाता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन दवाओं को काफी समय तक बिना डॉक्टरों की सलाह के इस्तेमाल करने से सेहत को खतरा हो सकता है. </p>
<p style="text-align: justify;">मेडिकल जर्नल्स जैसे जामा कार्डियोलॉजी और द लैंसेट में पब्लिश स्टडी के मुताबिक, रैपामाइसिन, मेटफॉर्मिन और मेथलीन ब्लू जैसी कुछ एंटी-एजिंग दवाएं दिल की सेहत के लिए खतरनाक हो सकती हैं. दरअसल, रैपामाइसिन से खून की धमनियां सख्त हो सकती हैं और कोलेस्ट्रॉल का लेवल बिगाड़ सकती हैं. वहीं, मेटफॉर्मिन दवा दिल के मरीजों के लिए खतरनाक हो सकती है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>एंटी एजिंग ट्रीटमेंट पर क्या कहते हैं डॉक्टर?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल्स के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के प्रिंसिपल कंसल्टेंट डॉ. सिंघानिया के मुताबिक, शेफाली को 15 साल की उम्र में मिर्गी का पता चला था, लेकिन इससे संबंधित दवाएं आमतौर पर हार्ट अटैक का खतरा नहीं बढ़ाती हैं. हालांकि, बिना डॉक्टर से सलाह लिए एंटी-एजिंग दवाओं का इस्तेमाल करना और व्रत के दौरान इन दवाओं के सेवन से बॉडी पर एक्स्ट्रा प्रेशर पड़ सकता है. डॉक्टरों का यह भी कहना है कि ग्लूटाथियोन और विटामिन सी जैसे कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट से हार्ट पर डायरेक्ट इफेक्ट नहीं पड़ता है. हालांकि, इनका हद से ज्यादा इस्तेमाल शरीर में हार्मोनल डिसबैलेंस, किडनी या लीवर पर दबाव डाल सकता है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि किसी भी एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट को शुरू करने से पहले कार्डियोलॉजिस्ट और डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह जरूर लेनी चाहिए.</p>
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<p><strong>Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.</strong></p>
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