
Guru Purnima 2025: अज्ञानरूपी अंधकार को दूर करने वाला गुरु कहलाता है. आषाढ़ पूर्णिमा यानी गुरु पूर्णिमा 10 जुलाई 2025 को है. गुरु के बिना जीवन अधूरा है, क्योंकि बिना गुरु के सफलता और सही दिशा नहीं मिल सकती है
इसलिए ये दिन गुरुओं की पूजा और उनका आभार प्रकट करने का पर्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुरु पूर्णिमा पर गुरु की पूजा और सम्मान देने से जीवन में हमेशा गुरु का आशीर्वाद मिलता है और जीवन खुशहाल रहता है.
शिक्षक के अलावा हर व्यक्ति कभी न कभी अपने जीवन में आध्यात्मिक गुरु भी बनाते हैं. अगर आप गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरु से किसी कारण नहीं मिल पा रहे हैं तो घर में कैसे करें इनका पूजन आइए जानते हैं पूरी विधि और मुहूर्त.
गुरु पूर्णिमा 2025 मुहूर्त
- गुरु पूर्णिमा तिथि शुरू – 10 जुलाई को अर्धरात्रि, 1.36 पर शुरू होगी
- गुरु पूर्णिमा तिथि समाप्त – 11 जुलाई 2025, देर रात 2.06 तक है.
- स्नान-दान मुहूर्त – 4.10 – सुबह 4.50
- गुरु पूर्णिमा मुहूर्त – सुबह 10.43 – दोपहर 2.10
- चंद्रोदय मुहूर्त – रात 7.20
गुरु पूर्णिमा पर घर में कैसे करें गुरु पूजा
कैसे करें तैयारी ?
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
- अपने घर के पूजा स्थान को साफ करें और वहां एक चौकी या आसन बिछाएं.
- गुरु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें, दीपक जलाएं और धूपबत्ती जलाएं.
कैसे करें गुरु की पूजा ?
- हिंदू धर्म में माता-पिता को मनुष्य का प्रथम गुरु कहा गया है. इसलिए सबसे पहले गुरु पूर्णिमा के दिन माता पिता को एक स्थान पर बैठाकर उनकी प्रदक्षिणा यानी परिक्रमा करें और उनके चरण स्पर्श करके उनका आशीर्वाद लें.
- गुरु की तस्वीर पर कुमकुम, चंदन, हल्दी, अक्षत, फूल, मिठाई अर्पित करें.
- वेदव्यास जी की भी पूजा करें और उनके ग्रंथों के अध्यायों का पाठ करें.
- गुरु के दिए मंत्रों का जाप करें.
- अगर गुरु नहीं है तो शिव जी की पूजा करें और समस्त सामग्री अर्पित करने के बाद ओम गुरुभ्यो नमः मंत्र का जाप करें.
- गुरु पूर्णिमा के दिन आप गुरु को वस्त्र, पादुका या उनके काम में आने वाली चीजें भेंट कर सकते हैं. गुरु से भेंट करने पर ये वस्तुएं उन्हें दे दें.
- गुरु के उपदेशों को याद करें और उन पर चलने का संकल्प लें
- अपने सामर्थ अनुसार जरुरतमंदो को पीले रंग की वस्तु या शिक्षा से संबंधित समाग्री का दान दें.