
Army Chief Upendra dwivedi Bhutan Visit: भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी इन दिनों भूटान के दौरे पर हैं. जैसे ही वह भूटान की राजधानी थिम्पू पहुंचे, वहां उन्हें बेहद खास अंदाज़ में स्वागत मिला. भूटान के राजा और रानी ने उनसे खुद मुलाकात की और उन्हें शाही अंदाज में सम्मान दिया. यह भव्य स्वागत भूटान के ताशिछोजोंग महल में हुआ, जहां उन्हें पारंपरिक तरीके से गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया.
भारत-भूटान सैन्य संबंधों की मजबूती का प्रतीक
भारतीय सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह यात्रा दोनों देशों के बीच मजबूत और स्थायी मित्रता को दर्शाती है. भारत और भूटान के सैन्य संबंध दशकों पुराने हैं और इस यात्रा से उनमें और अधिक मजबूती आने की उम्मीद है. खासकर ऐसे समय में जब चीन लगातार भूटान के क्षेत्रों में घुसपैठ की कोशिश कर रहा है, यह यात्रा चीन के लिए एक कड़ा संदेश भी है कि भारत और भूटान एकजुट हैं.
चीन की बढ़ेगी टेंशन
भूटान और भारत की यह नजदीकी चीन को असहज कर सकती है. पिछले कुछ वर्षों में चीन भूटान के साथ सीमा समझौते को लेकर कई प्रयास कर चुका है, लेकिन भूटान ने अब तक भारत की रणनीतिक साझेदारी से समझौता नहीं किया है. ऐसे में आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी की यह यात्रा चीन को साफ संकेत देती है कि भूटान अब भी भारत के साथ मजबूती से खड़ा है और उसके किसी भी दबाव में नहीं आने वाला.
भूटान के सैन्य प्रमुख से मिले जनरल द्विवेदी
थलसेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने भूटान की राजधानी में रॉयल भूटान आर्मी के चीफ ऑपरेशंस ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल बातू शेरिंग के साथ गहन बातचीत की. इस दौरान दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को मजबूत करने और रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने पर चर्चा हुई. यह मुलाकात उस समय हुई जब क्षेत्र में चीन की सैन्य गतिविधियों को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं.
IMTRAT की भूमिका पर भी चर्चा
जनरल द्विवेदी भूटान में भारतीय सैन्य प्रशिक्षण दल (IMTRAT) के वरिष्ठ अधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे. यह दल रॉयल भूटान आर्मी को प्रशिक्षण और सहयोग देने में अहम भूमिका निभा रहा है. जनरल द्विवेदी की यह यात्रा उस समय हो रही है जब भारत ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ के तहत पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्रों में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है, जिससे भारत की क्षेत्रीय सैन्य सक्रियता और रणनीतिक संबंधों का महत्व और बढ़ गया है.