
दक्षिण एशिया में चीन और पाकिस्तान मिलकर नया कूटनीतिक गेम करने की तैयारी में हैं. चीन और पाकिस्तान मिलकर इस रीजन में ऐसा नया गुट बनाने की तैयारी कर रहे हैं, जो दक्षिण एशियाई देशों के संगठन SAARC को रिप्लेस कर सके. इस प्रोजेक्ट के पीछे चीन का दिमाग है तो पाकिस्तान और बांग्लादेश मिलकर इसको सपोर्ट कर रहे हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 19 जून को चीन के कुनमिंग में हुई बैठक में पाकिस्तान और बांग्लादेश भी शामिल थे. इसी बैठक में नए गुट को लेकर पूरा प्लान तैयार हुआ था. ये बैठक मई में हुई त्रिपक्षीय बैठक के बाद हुई थी, जिसमें चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर के विस्तार और तालिबान शासित अफगानिस्तान में क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने पर बात की गई थी.
साल 2016 से निष्क्रिय है SAARC संगठन
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) की स्थापना 8 दिसंबर, 1985 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हुई थी. इसके 7 संस्थापक सदस्य थे, जबकि अफगानिस्तान 2007 में समूह में शामिल हुआ. हालांकि ये संगठन साल 2016 से निष्क्रिय है. इसकी आखिरी बैठक काठमांडू में साल 2014 में हुई थी. 19वीं SAARC समिट की बैठक नवंबर, 2016 में इस्लामाबाद में होनी थी, लेकिन उरी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को बायकॉट कर दिया था. इस हमले में 17 भारतीय जवान शहीद हुए थे.
नया गुट बनाने के लिए सहमत हैं चीन और पाकिस्तान
अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भूटान ने भी आतंकवाद और क्षेत्रीय हस्तक्षेप की चिंताओं का हवाला देते हुए समिट से अपना नाम वापस ले लिया. सम्मेलन रद्द कर दिया गया था और उसके बाद इसे फिर से शेड्यूल नहीं किया गया है. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान और चीन दोनों इस बात से आश्वस्त हैं कि क्षेत्रीय एकीकरण और संपर्क के लिए एक नया संगठन समय की मांग है.
बांग्लादेश ने खारिज कर दिया नए गुट का प्लान
रिपोर्ट में कहा गया है कि श्रीलंका, मालदीव और अफगानिस्तान समेत SAARC सदस्यों के नए समूह का हिस्सा बनने की उम्मीद है. हालांकि बांग्लादेश ने ढाका, बीजिंग और इस्लामाबाद के बीच किसी भी उभरते गठबंधन के विचार को खारिज कर दिया है और कहा है कि चीन के कुनमिंग में तीनों देशों के बीच बैठक ‘राजनीतिक’ नहीं थी.
बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार एम तौहीद हुसैन ने 19 जून को कुनमिंग में हुई बैठक के बाद कहा था कि हम कोई नया गठबंधन बनाने नहीं जा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘यह आधिकारिक स्तर की बैठक थी, राजनीतिक स्तर की नहीं. इसमें “किसी गठबंधन के गठन को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई.’
भारत क्या चाहता है?
रिपोर्ट में राजनयिक सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि भारत को नए समूह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाएगा, लेकिन ‘इसके भिन्न हितों को देखते हुए, इसकी ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया दिए जाने की संभावना नहीं है.’ जबकि भारत ने बेहतर क्षेत्रीय सहयोग और संपर्क के लिए SAARC का उपयोग करने की कोशिश की है.
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