
अमेरिका और दुनियाभर में मार्टिन लूथर किंग जूनियर की लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं रही. वह अमेरिका के नागरिक अधिकार आंदोलन का प्रमुख चेहरा थे. 1960 के दशक में अमेरिका में नस्लीय समानता और सामाजिक न्याय के लिए उनका योगदान भी किसी से छिपा नहीं है. 18 अप्रैल 1968 को मार्टिन लूथर किंग जूनियर की अमेरिका के टेनेसी के मेम्फिस में गोली मारकर हत्या कर दी थी. उनकी हत्या के 57 साल बाद आज उनकी हत्या से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक कर दिया गया है.
मार्टिन लूथर किंग की हत्या को लेकर कई कॉन्सिपिरेसी थ्योरी सामने आती रही हैं. 21 जुलाई को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कार्यकारी आदेश के तहत मार्टिन लूथर किंग जूनियर की हत्या से जुड़े दो लाख से अधिक पेजों के दस्तावेजों को सार्वजनिक कर दिया है. यह कदम जॉन एफ. कैनेडी और रॉबर्ट एफ. कैनेडी की हत्याओं से जुड़े दस्तावेजों के खुलासे का हिस्सा है. इन दस्तावेजों को 1977 में कोर्ट के आदेश के तहत सील किया गया था.
इन फाइलों में क्या है?
इन दस्तावेजों में मार्टिन लूथर किंग की हत्या की जांच, उनकी हत्या के लिए दोषी ठहराए गए जेम्स अर्ल रे के बारे में जानकारी और FBI की सर्विलांस से संबंधित रिकॉर्ड शामिल हैं. इनमें FBI की आंतरिक मेमो, जांच के दौरान अपनाए गए तरीके और जेम्स अर्ल रे की तलाश के लिए की गई कार्रवाइयों का ब्योरा शामिल है.
जेम्स अर्ल रे अपराधी था और वह मिसौरी स्टेट जेल से भागा हुआ था. एक ऑडियो फाइल में जेम्स अर्ल रे के भाई जेरी रे के साथ इंटरव्यू का हिस्सा शामिल है.
इन दस्तावेजों में FBI के काउंटरइंटेलिजेंस प्रोग्राम के तहत मार्टिन लूथर किंग की निगरानी के रिकॉर्ड शामिल हैं. FBI, विशेष रूप से तत्कालीन निदेशक जे. एडगर हूवर के नेतृत्व में मार्टिन लूथर किंग को कट्टरपंथी मानते हुए उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखती थी. मार्टिन लूथर किंग के टेलीफोन की वायरटैपिंग, उनके होटल के कमरों में बग लगाना और उनके खिलाफ जानकारी इकट्ठा करने के लिए मुखबिरों का उपयोग किया गया था.
दस्तावेजों में जेम्स अर्ल रे की तलाश के दौरान विदेशी खुफिया सेवाओं के साथ अमेरिकी अधिकारियों के संपर्क का विवरण शामिल है. रे को 8 जून, 1968 को लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर पकड़ा गया था.
मार्टिन लूथर किंग जूनियर की हत्या से जुड़ी लाइलों को 1977 में कोर्ट के आदेश के तहत 50 से ज्यादा वर्षों के लिए सील कर दिया था और ये दस्तावेज 2027 तक गोपनीय रहने वाले थे. लेकिन 21 जुलाई को ट्रंप के कार्यकारी आदेश के तहत इन फाइलों को समय से पहले सार्वजनिक कर दिया गया.
मार्टिन लूथर किंग जूनियर की हत्या की फाइलों को क्यों किया गया था सील?
जस्टिस जॉन लुइस स्मिथ ने 1977 में सदर्न क्रिश्चियन लीडरशिप कॉन्फ्रेंस और बर्नार्ड ली की याचिका को खारिज करते हुए इन दस्तावेजों को 50 वर्षों के लिए सील करने का आदेश दिया था.
इन फाइलों में FBI के COINTELPRO (काउंटरइंटेलिजेंस प्रोग्राम) के तहत मार्टिन लूथर किंग और SCLC पर की गई अवैध निगरानी के रिकॉर्ड शामिल थे. FBI ने किंग के टेलीफोन की वायरटैपिंग, उनके होटल के कमरों में बग लगाने और उनके निजी जीवन की जासूसी की थी. इस निगरानी का उद्देश्य मार्टिन लूथर और नागरिक अधिकार आंदोलन को बदनाम करना था.
इन दस्तावेजों में उनके निजी जीवन से जुड़ी संवेदनशील जानकारी, जैसे उनके कथित व्यक्तिगत व्यवहार या रिश्तों के बारे में FBI द्वारा इकट्ठा की गई सामग्री शामिल है. SCLC और मार्टिन लूथर किंग के परिवार का तर्क था कि ये जानकारी उनकी गोपनीयता का उल्लंघन करती थी और सार्वजनिक होने पर उनकी विरासत को नुकसान पहुंचा सकती थी.
कोर्ट ने माना की इन दस्तावेजों में ऐसी जानकारी थी जो मार्टिन लूथर के परिवार, SCLC और उनके सहयोगियों की गोपनीयता को प्रभावित कर सकती थी. 1977 में, यह निर्णय लिया गया कि इस तरह की संवेदनशील जानकारी को सार्वजनिक करने से पहले लंबा समय दिया जाना चाहिए ताकि प्रभावित पक्षों की गोपनीयता बरकरार रहे. कोर्ट ने गोपनीयता बनाए रखने के लिए दस्तावेजों को सील करना उचित समझा.
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