
अमेरिका का विदेश सचिव (मंत्री) मार्को रुबियो ने गुरुवार (10 जुलाई, 2025) को मलेशिया के कुआलालंपुर में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ मुलाकात की. दोनों सुपरपावर देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात एसोसिएशन ऑफ साउथ-ईस्ट एशियन नेशन्स (ASEAN) शिखर सम्मेलन के मौके पर हुई है.
हालांकि, यह मुलाकात यूक्रेन विवाद को लेकर जारी शांति वार्ता में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के शामिल न होने पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से ऐतराज जताने के कुछ ही दिन बाद हुई है.
बैठक के पहले दोनों विदेश मंत्रियों ने नहीं की कोई टिप्पणी
वहीं, सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मुलाकात से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और रूसी विदेशी मंत्री लावरोव ने किसी प्रकार की कोई टिप्पणी नही की. हालांकि, बैठक के बाद जब मार्को रुबियो से लावरोव के दिए संदेश के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इसका जवाब आंख मारकर दिया.
वहीं, मार्को रुबियो की इस कुआलालंपुर यात्रा में आसियान देशों के अपने समकक्षों के साथ कई बैठकें भी शामिल थी. जिसके शुरुआत के पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह घोषणा की थी कि अगर जल्द से जल्द व्यापारिक समझौते नहीं होते हैं तो कई आसियान देशों को 1 अगस्त से अमेरिका की ओर से लगाए गए टैरिफ को झेलना होगा.
एक सीनियर प्रशासनिक अधिकारी ने सीएनएन से कहा, “’ट्रंप प्रशासन ने इस बात को पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है कि व्यापार और इकोनोमिक्स अमेरिका के विदेश नीति के मुख्य केंद्र बिंदु हैं. हालांकि, रुबियो इसके मुख्य मध्यस्थ नहीं है, लेकिन फिर भी उन्हें इन बैठकों के दौरान टैरिफ को लेकर खड़े हो रहे सवालों और निराशाओं का सामना करना पड़ सकता है.”
अमेरिका के लिए इंडो-पैसिफिक इलाके के महत्व पर बोले मार्को रुबियो
वहीं, अपने आसियान समकक्ष और रूसी विदेशी सर्गेई लावरोव से मुलाकात के दौरान रुबियो ने इस बात पर जोर देते हुए कहा, “अमेरिका इंडो-पैसिफिक इलाके में किसी तरह की अनदेखी नहीं कर सकता है. जब मैं ऐसी किसी भी खबर को सुनता हूं कि जिसमें कहा जाता है कि शायद अमेरिका या पूरी दुनिया, दुनिया के किसी भी भाग में होने वाली किसी घटना से भ्रमित हो सकती है, तो मैं कहूंगा कि यह पूरी तरह से असंभव है.”
उन्होंने कहा, “यह हमारा नजरिया है, हमारा मजबूत नजरिया और हमारी असलियत, जो इस शताब्दी और अगले 50 सालों तक दुनिया के किसी भी दूसरे हिस्से से ज्यादा इसी इलाके में लिखी जाएगी.”
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