
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने 1972 के शिमला समझौते को ‘एक मृत दस्तावेज’ घोषित किया है, जो कश्मीर पर पाकिस्तान के रुख में एक बड़े बदलाव का संकेत है. टीवी पर दिए एक इंटरव्यू में आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान 1948 के संयुक्त राष्ट्र समर्थित रुख पर वापस लौट आया है जिसके बाद कश्मीर का मुद्दा द्विपक्षीय तरीके से नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हल किया जाएगा. पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने नियंत्रण रेखा को मान्यता प्राप्त सीमा के बजाय युद्ध विराम रेखा कहा है.
ख्वाजा आसिफ ने जोर देकर कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय ढांचा बिखर चुका है. उन्होंने कहा, ‘शिमला समझौता अब एक मृत दस्तावेज बन चुका है. हम 1948 की स्थिति में वापस आ गए हैं, जब संयुक्त राष्ट्र ने संघर्ष विराम और प्रस्तावों के बाद नियंत्रण रेखा को युद्ध विराम रेखा घोषित किया था. अब इन विवादों को बहुपक्षीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निपटाया जाएगा.’
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने आगे कहा, ‘सिंधु जल संधि स्थगित हो या न हो, शिमला समझौता तो पहले ही खत्म हो चुका है.’
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने कश्मीर समेत विवादित मुद्दों को सुलझाने के लिए द्विपक्षीय रास्ते को ना कहा हो. पाकिस्तान ने इससे पहले अगस्त 2019 में भारत के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने के बाद शिमला समझौते को निलंबित कर दिया था. तब से, पाकिस्तान इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ले गया है, जबकि भारत इस बात पर जोर देता रहा है कि कश्मीर उसका घरेलू मामला है.
शिमला समझौता 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद 1972 में हुआ था जिसमें दोनों देशों ने आपसी मुद्दों को द्विपक्षीय तरीके से हल करने पर सहमति जताई थी. भारत इस समझौते और अपने रुख पर हमेशा की तरह अब भी अड़ा हुआ है.
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने एक बार फिर दी परणाणु हमले की गीदड़भभकी
अप्रैल में पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने लगातार परमाणु हमले की गीदड़भभकी दी है. टीवी इंटरव्यू में भी उन्होंने कोरी धमकी देते हुए कहा कि उनका देश हाई अलर्ट पर है और अगर पाकिस्तान के अस्तित्व पर कोई खतरा हुआ तो परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया जाएगा.
आसिफ ने कहा कि भारत-पाक संघर्ष की जानकारी पाकिस्तान ने चीन, खाड़ी देशों समेत ब्रिटेन और अमेरिका को दी है.
अंतरराष्ट्रीय मीडिया के सामने अपने आतंकी देश की हरकतें कबूल चुके हैं आसिफ
ख्वाजा आसिफ जहां एक तरफ भारत को गीदड़भभकी दे रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ वो ये बात स्वीकार चुके हैं कि पाकिस्तान दशकों से आतंकवाद को पालता पोसता आया है. कुछ समय पहले उन्होंने ब्रिटेन के स्काई न्यूज की एंकर याल्दा हकीम को एक इंटरव्यू दिया था जिसमें वो अपने देश की हकीकत बयान करते नजर आए थे.
जब उनसे पूछा गया कि पाकिस्तान ने आतंकियों का समर्थन किया है, उन्हें ट्रेनिंग दी है और आतंकी समूहों को फंडिंग दी है तो आसिफ ने कहा था, ‘हम तीन दशकों से अमेरिका.. . ब्रिटेन और पश्चिमी देशों के लिए यह गंदा काम करते आ रहे हैं. वो एक गलती थी और हमें काफी भुगतना पड़ा है.’
उनके इस कबूलनामे पर काफी विवाद हुआ और यह साफ हो गया कि कैसे पाकिस्तान क्षेत्रीय शांति को ताक पर रखकर आतंकियों का रहनुमा बना हुआ है.