
CBI Files Chargesheet: केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) ने दो अलग-अलग मर्डर केस में दो भारतीय नागरिकों इंद्रजीत सिंह और सुभाष चंद्र महला के खिलाफ चार्जशीट फाइल की है. ये मामले यूनाइटेड अरब अमीरात (UAE) और बहरीन में हुए थे. जिनमें भारतीय नागरिकों की हत्या की गई थी. दोनों देशों से मिली रिक्वेस्ट के बाद CBI ने लोकल प्रॉसिक्यूशन शुरू किया और पूरी जांच के बाद दिल्ली की CBI कोर्ट में चार्जशीट दायर की गई.
300 दिरहम का कर्ज होने पर आरोपी ने दूसरे भारतीय नागरिक की कर दी थी हत्या
पहला मामला UAE के अबू धाबी में भारतीय नागरिक रामा लिंगम की हत्या के मामले में CBI ने इंद्रजीत सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 यानी हत्या के तहत केस दर्ज किया था. जांच में सामने आया कि रामा लिंगम अबू धाबी में इंटरनेशनल सिम कार्ड बेचते थे और इंद्रजीत सिंह उनसे उधार पर सिम खरीदता था. धीरे-धीरे इंद्रजीत पर 300 दिरहम का कर्ज हो गया.
इसके बाद जब रामा लिंगम ने इंद्रजीत को काम देने वाले शख्स से उसकी सैलरी से पैसा कटवाने की बात कही, तो इंद्रजीत नाराज हो गया और उसने हत्या की प्लानिंग की. 28 अगस्त, 2008 को मौका देखकर इंद्रजीत ने रामा लिंगम पर चाकू से हमला किया जिससे उनकी मौत हो गई.
CBI ने गृह मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद दिल्ली की विशेष अदालत में इंद्रजीत सिंह के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है.
2011 में बहरीन में भारतीय नागरिक ने अपने मालिक की कर दी थी हत्या
दूसरा केस बहरीन का है, जहां भारतीय नागरिक सुभाष चंद्र महला ने अपने मालिक की हत्या कर दी थी. बहरीन सरकार की रिक्वेस्ट पर भारत के विदेश मंत्रालय ने ये केस CBI को सौंपा.
CBI की जांच में पता चला कि सुभाष वहां ड्राइवर की नौकरी करता था और अपने मालिक के व्यवहार से परेशान था. 31 जनवरी, 2011 को जब उसका मालिक अकेला था, तो सुभाष ने किसी भारी चीज से उस पर हमला कर दिया. उसको गंभीर चोटें आईं और उसकी जान चली गई.
इस मामले में भी CBI ने सबूत इकट्ठा कर गृह मंत्रालय से मंजूरी ली और फिर दिल्ली की CBI कोर्ट में चार्जशीट दायर की है.
विदेशों में अपराध करने वाले भारतीयों पर मुकदमा चला सकती है सीबीआई
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) भारत सरकार की वो एजेंसी है, जो विदेशों में अपराध करने वाले भारतीय नागरिकों के खिलाफ भारत में मुकदमा चला सकती है. सीबीआई ने विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर UAE और बहरीन से जरूरी सबूत मंगवाए, जो भारतीय कानून के मुताबिक कोर्ट में पेश किए जा सके.
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