
आमिर खान ने साफ कर दिया है कि उनकी अगली फिल्म ‘सितारे जमीन पर’ फिलहाल किसी भी स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर रिलीज नहीं होगी. आमिर मानते हैं कि कोविड महामारी के बाद फिल्मों के जल्दी OTT पर आने से थिएटर के अनुभव पर असर पड़ा हैच. उनका कहना है कि अच्छी फिल्मों को बड़े पर्दे पर देखा जाना चाहिए, ताकि दर्शकों को असली सिनेमा का मजा मिल सके.
आमिर खान ने बताया कि किस तरह OTT प्लेटफॉर्म्स के बढ़ने से थिएटर में फिल्म देखने की संस्कृति को नुकसान पहुंचा है. उन्होंने यह भी कहा कि फिल्मों को बहुत जल्दी ऑनलाइन रिलीज करने से दर्शकों की थिएटर में फिल्म देखने की आदत खत्म होती जा रही है, जो कि सिनेमा की आत्मा के लिए ठीक नहीं है.
फ्री में नहीं मिलेगी सितारे जमीन पर
शोशा से बातचीत में आमिर ने कहा कि, “मैं ऐसा कोई बिजनेस नहीं जानता, जहां आप अपना प्रोडक्ट किसी को ऑफर करें, और अगर वह नहीं खरीदे, तो आप कहें- कोई बात नहीं, आठ हफ्ते में मैं ये आपके घर फ्री में भिजवा दूंगा. इसका कोई मतलब नहीं बनता. यही वजह है कि कई फिल्में आजकल थिएटर में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहीं.”
आमिर ने मौजूदा स्थिति को “भूख और दावत” वाला मॉडल बताया, जहां या तो कुछ फिल्में बहुत ज्यादा कमाती हैं या ज्यादातर बिल्कुल नहीं चलतीं. उनका मानना है कि फिल्मों का जल्दी OTT पर आना थिएटर कल्चर को कमजोर बना रहा है. इसलिए उन्होंने अपनी अगली फिल्म ‘सितारे जमीन पर’ को सिर्फ थिएटर में रिलीज करने का फैसला किया है. वो बोले, “मुझे थिएटर पर भरोसा है. मुझे अपने दर्शकों पर भरोसा है. अगर आप एक अच्छी फिल्म बनाते हैं, तो लोग उसे बड़े पर्दे पर देखने जरूर आएंगे.”
ओटीटी की वजह से सिनेमाघरों से दूर दर्शक
जब उनसे ‘लाल सिंह चड्ढा’ के बारे में पूछा गया, जो थिएटर में ज्यादा नहीं चली लेकिन OTT पर उसे सराहना मिली, तो उन्होंने कहा, “अगर किसी को फिल्म थिएटर में पसंद नहीं आई, तो ऐसा नहीं कि वो अचानक उसे घर पर देखकर पसंद करने लगेगा. फिल्म को लेकर आपकी राय जगह बदलने से नहीं बदलती.”
आमिर ने यह भी माना कि मल्टीप्लेक्स में महंगे टिकट, खाने-पीने की चीजें और कुल मिलाकर महंगा अनुभव दर्शकों को ‘साधारण’ फिल्मों के लिए थिएटर से दूर कर देता है और OTT का इंतजार करने पर मजबूर करता है. इसके बावजूद, आमिर ने कहा कि वो दिल से सिनेमा बनाना चाहते हैं, भले ही वो जरूरी नहीं कि व्यावसायिक रूप से सबसे “सुरक्षित” ऑप्शन हो.
आमिर ने बताया कि “लाल सिंह चड्ढा के बाद सबने मुझसे कहा कि कोई एक्शन फिल्म करो. लेकिन ‘सितारे जमीन पर’ की कहानी ने मुझे भीतर तक छू लिया. जब कोई कहानी मेरे खून में उतर जाती है, तो मैं उसे नजरअंदाज नहीं कर सकता. ऐसा ही ‘लगान’, ‘तारे जमीन पर’ और ‘दंगल’ के साथ भी हुआ था.”
पाइरेसी को कहें न
आमिर ने इसी के साथ पाइरेसी पर बात की और कहा कि ये बहुत दुखद है. “जब आप किसी फिल्म का पाइरेटेड वर्जन देखते हैं, तो आप अनजाने में बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा रहे होते हैं.” आमिर खान ने कहा कि बहुत से लोग इसके प्रभाव को समझ नहीं पाते. एक गहरी तुलना देते हुए उन्होंने सवाल किया, “अगर आप किसी का टीवी चोरी नहीं करेंगे, तो फिर पाइरेटेड फिल्म देखना कैसे सही हो सकता है? ये दोनों एक ही बात हैं.”
आमिर खान पिछले तीन साल से ‘सितारे जमीन पर’ पर काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस फिल्म से हर किसी की भावनाएं और मेहनत जुड़ी हैं. “इन 10 बच्चों की मेहनत, जेनेलिया, प्रसन्ना, लेखक, हर डिपार्टमेंट के हेड और मेरी खुद की भावना इस फिल्म में है. हम चाहते हैं कि लोग इसे सही तरीके से देखें, पाइरेसी के जरिए नहीं.”
‘सितारे जमीन पर’ आमिर खान की बड़े पर्दे पर वापसी है, जो एक छोटे से ब्रेक के बाद हो रही है. यह फिल्म 20 जून 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है.