
ईरान के तीन न्यूक्लियर साइट्स पर अमेरिका ने हमला कर दिया है. इनमें फॉर्डो, नतांज और इशफहान न्यूक्लियर साइट्स शामिल हैं. इन हमलों को अमेरिकी वायु सेना ने सबसे अडवांस फाइटर जेट B2 बॉम्बर्स से अंजाम दिया है. इन बॉम्बर्स ने बताया जा रहा है कि हजारों किलोग्राम के बम इन तीन साइट्स पर गिराए हैं, जो खासतौर से बंकर बस्टर बम के रूप में मशहूर है. इन बमों को MOP यानी मैसिव ऑर्डनेंस पेनिट्रेटर भी कहा जाता है. आइए जानते हैं कि आखिर क्या होता है मैसिव ऑर्डनेंस पेनिट्रेटर?
MOP, एक 30,000 पाउंड वजनी बम है जिसे खासतौर से जमीन के अंडरग्राउंड ठिकानों को नष्ट करने के लिए बनाया गया है. यह बम बेहद मजबूत स्टील अलॉय से बना होता है जो इसे जमीन में सैकड़ों फीट अंदर घुसने की क्षमता देता है. इसके बाद यह बम अंदर जाकर विस्फोट करता है, जिससे भीतर छिपे ठिकानों का पूरी तरह से सफाया हो जाता है.
अमेरिकी वायु सेना के मुताबिक, यह बम जीपीएस-गाइडेड है और इसे सिर्फ B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर से ही गिराया जा सकता है. B2 बॉम्बर की खासियत यह है कि यह रडार से छुपकर लंबी दूरी तक उड़ान भर सकता है और हवा में ही ईंधन भरवाकर लक्ष्य तक पहुंच सकता है.
हालांकि, अभी तक इस बम के किसी युद्ध में इस्तेमाल की कोई आधिकारिक जानकारी सार्वजनिक नहीं हुई थी, लेकिन सैन्य विशेषज्ञ मानते हैं कि यह बम अब पहले से ज्यादा उन्नत और प्रभावी हो चुका है. रक्षा अधिकारियों का कहना है कि यह बम लगभग 200 फीट तक की गहराई में घुस सकता है, और पिछले 20 वर्षों में इसके विकास ने इसकी क्षमताओं को और बढ़ा दिया है.
फिलहाल अमेरिकी वायु सेना के पास 19 ऑपरेशनल B2 बॉम्बर हैं. ये सबसोनिक स्पीड से उड़ान भरते हैं लेकिन इनकी रेंज काफी लंबी होती है. उदाहरण के लिए, 1990 के दशक के कोसोवो युद्ध के दौरान B2 पायलट्स ने अमेरिका के मिसौरी स्थित व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस से उड़ान भरकर सीधे लक्ष्य को निशाना बनाया था. 2017 में, दो B2 बॉम्बर्स ने 34 घंटे की उड़ान भरकर लीबिया में इस्लामिक स्टेट के कैंप्स पर हमला किया था.
हालांकि इजरायल ने गाजा, लेबनान और अब ईरान में हवाई हमलों में अमेरिका के बमों का इस्तेमाल किया है, लेकिन उसके लड़ाकू विमान इतने भारी बम ले जाने में सक्षम नहीं हैं. यही वजह है कि इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू लगातार ट्रंप से ईरान के खिलाफ स्ट्राइक में शामिल होने की डिमांड कर रहे थे.